उधर नल और नील सुना रहे हैं रामायण की कथा, इधर कहानियों से सीख रहे याद रखने की कला

बच्चों को मेले वैसे ही खूब पसंद होते हैं और जब मेले में केवल बुक्स या फन ही नहीं, किस्से-कहानियां, मूवीज, मस्ती के साथ नॉलेज भी मिले तो फिर क्या कहना। शिकारगढ़ स्थित विद्याश्रम इंटरनेशनल स्कूल में चल रहे ब्ल्यू सिटी चिल्ड्रन लिटरेचर फेस्टिवल किताबो एक ऐसी जगह बन पड़ी है जहां बच्चे खेल-खेल और किस्से कहानियों के जरिए जीवन के वे पाठ पढ़ रहे हैं जो स्कूलों में नहीं पढ़ाए जाते। यहां 14 ऐसे मंच हैं जहां बच्चों के लिए नॉलेज, फन और एक्टिविटीज का ऐसा खजाना है जहां से जितना चाहें, वे अपने साथ ले जा सकते हैं। इस लिटरेचर फेस्टिवल का गुरुवार काे आखिरी दिन है। इसमें एंट्री के लिए कोई फीस नहीं है तो इस बेहतरीन मौके को मत चूकिए क्योंकि यहां देश के जाने-माने लोगों से मिलने, उनसे कुछ सीखने का चांस मिल रहा है।



फेस्टिवल के दूसरे दिन यहां हुए सेशंस में बच्चों ने मूवी देखी और अपने हाथों से कठपुतलियां भी बनाईं। 


किस्से-कहानियां तो थे ही, नए अंदाज में पौराणिक कथाओं का मंचन भी हुआ। जमघट में झूूम-झूम झुंपा नाटक के झुम्पा बच्चों को कुछ न कुछ नया सीखते रहने और हिम्मत न हारने का मैसेज दे रहे थे तो 'किताबो क्विज' में हिस्सा ले रहीं 8 स्कूलों की टीमों के नॉलेज की चेन्नई के क्विज मास्टर डॉ. नविन जया कुमार कड़ी परीक्षा ले रहे थे। डेज़र्ट लीफ फाउंडेशन के फाउंडर विकास बालिया ने बताया कि 40 से अधिक स्कूलों के स्टूडेंट्स और प्रिंसिपल्स ने इसमें विजिट किया। गुरुवार को फेस्टिवल का समापन होगा। जाने माने पटकथा लेखक, स्टेंडअप कॉमेडियन, बाल उपन्यासकार वरुण ग्रोवर हिस्सा लेंगे।


चेन्नई की क्रेअशक्ति थियेटर की ओर से ओपेरा रामायण की कथा का मंचन हो रहा था। इसमें एक प्रसंग राम सेतु का आया तो किरदारों ने नाटक देख रहे बच्चों को ही अपने साथ जोड़ लिया। सामने प्रॉप्स रखे थे और बच्चों ने टीम वर्क से देखते ही देखते राम सेतु का निर्माण कर डाला। इस अनूठी ओपेरा रामायण का गुरुवार सुबह 9:30 बजे भी मंचन होगा।


इस बार की थीम 'पर्यावरण संरक्षण' को लेकर है जिसमें सामाजिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण भी शामिल है। पानी बचाने को लेकर यहां यह आर्ट इंस्टालेशन किया गया है। ऐसे ही कई रोचक इंस्टालेशन यहां और भी हैंँ।


प्ले में पक्षियों की नजर से मंचित की रामायण
किसी नाटक में किरदार निभाने वाले आर्टिस्ट तय होते हैं लेकिन 'ओपेरारामायणा' कुछ अलग थीं। इसमें मुख्य किरदार जैसे राम, सीता, रावण वगैरह को ऑडियंस में से ही चुना गया था। थिएटर आर्टिस्ट इस कथा में आने वाले पक्षी जैसे नल, नील, जामवंत, मोर, गिलहरी, हिरण के किरदार निभा रहे थे। इसमें संगीतयम हनुमान चालीसा और भजनों को इंग्लिश में गाते हुए डांस और एक्ट किया गया। ऑडियंस को जोड़ते हुए कलाकारों ने राम सेतु बांध नाटक देख रहे बच्चों से ही बनवाया गया। एक घंटे के इस प्ले में कलाकारों ने इंटरेक्टिव रहते हुए सीधे दर्शक बच्चों से बात भी कीं। चेन्नई की क्रेअशक्ति थियेटर कंपनी के फाउंडर दुष्यंत गुनशेकर ने बताया कि रामायण का प्ले तो कई लोग करते है पर उन्होंने रामायण बच्चों व बड़ों सभी को ध्यान में रखते हुए यह ओपेरा रामायण बनाई है। इसमें वे वेस्टर्न म्यूजिक और क्लासिकल भजन को मिक्स करके ओपेरा सॉन्ग बना कर उसको लाइव सिंगिंग और डांसिंग के जरिए दिखाते हैं। मुख्य किरदारों की बजाए उसके जानवरों के किरदारों से रामायण को दर्शाने का एक ही उद्देश्य है कि उनके नजरिये से रामायण क्या थी, यह दिख सके।


कहानियां  कभी हंसाती, कभी सिखाती
मस्ती मंच और काव्यस्थान में तृप्ति श्रीकांत 'स्टोरीज़ फ्रॉम इधर उधर' सेशन ले रहे थे। गोलपो टेल्स, फ्रॉम पेज टू स्टेज, सारा लर्न्स टू फ्लाई खूब हंसा रही थी तो मकड़ी मौसी टू द रेस्क्यू, प्रेमचंद के दो बॉल, कुछ सुनें कुछ सुनाएं जैसे सेशंस भी थे। डॉ. एमएस तंवर मेहरानगढ़ की अनसुनी कहानियां बता रहे थे तो अरविंद भट्ट ने कहानी कहते-कहते समझा कहानी सुनाने में रंगमंच किस तरह कहानीकार की मदद करता है। विक्रम श्रीधर ने दक्षिण भारत की कहानियों का खजाना खोल रखा था आईदान सिंह भाटी अपने मारवाड़ की लोक कथाएं सुना रहे थे।


लर्निंग इतनी सहज बातें जो याद रहेंगी
जयश्री मेहता ने 'व्हाई एंग्री?' सेशन लेते हुए बच्चों को गुस्से के साइड इफेक्ट बताते हुए चिल रहने के टिप्स दिए। फन ओके प्लीज में स्मिता व्यास ने बच्चों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया था। लवलीन मिश्रा ने 'तुक-बेतुक' वर्कशॉप में बच्चों को तुकबंदी के बारे में बताया तो स्मिता बेल्लूर ने साहित्य में संगीत की जरूरत और उपयोगिता के बारे में बताया।


लॉन्च  बच्चों के लिए नई किताबें
इस मंच पर किताबों की लॉन्चिंग भी हुई। स्कूल प्रिंसिपल भारती स्वामी, डायरेक्टर कैप्टन शर्मा, विद्याश्रम पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल शालिनी मल्होत्रा ने अस्मिता सिद्धार्थ व्यास की लिखी बच्चों की किताब 'गौरी मीट्स पोली द मोनस्टर' का विमोचन किया। यह पॉलीथिन का यूज न करने का मैसेज देने वाली है। रंगमंच में सविता चौहान की बाल साहित्यिक किताब 'फोन इन द फार्म' लांच की गई।